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E-Agriculture PPT | Concept and Application | PPT & PDF Download (Hindi + English)

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Frequently Asked Question

Learn in Brief[Click here]
E-agriculture refers to the use of information and communication technologies (ICTs) to improve farming practices, efficiency, and productivity. It involves tools like mobile apps, sensors, data analytics, and remote sensing to enhance agricultural processes. 
Concept of E-Agriculture
 E-agriculture integrates ICT with agriculture to foster innovation, economic growth, and knowledge sharing. Traditionally reliant on TV and radio, the sector now benefits from internet and mobile-based technologies, enabling faster communication and improved services. By leveraging these advancements, countries like Nigeria are transforming agriculture into a more efficient and sustainable source of income and development. Beyond technology, e-agriculture promotes collaboration and learning among stakeholders for holistic sectoral growth.

Applications of e-agriculture:

1. Precision Farming: Utilizes technology like GPS-guided tractors and drones to optimize crop yields and minimize inputs.

2. Crop Monitoring and Management: Uses remote sensing technologies to provide real-time data on crop health and threats.

3. Weather Forecasting and Climate Monitoring: Provides accurate weather forecasts and climate data for agricultural planning.

4. Market Information and Access: Connects farmers directly to markets and suppliers, providing market information and trading opportunities.

5. Supply Chain Management: Digitizes supply chain operations for timely delivery of agricultural products.

6. Farm Management Software: Offers tools for farm planning, record-keeping, and decision support.

7. ICT-enabled Extension Services: Delivers remote extension services through mobile phones and internet platforms.

8. Financial Inclusion and Access to Credit: Facilitates access to banking services and credit options for farmers.

9. Capacity Building and Education: Promotes digital literacy and skills development among stakeholders.

10. Policy Support and Governance: Provides policymakers with data for evidence-based decision-making in agriculture.

Learn In Hindi[Click here]
ई-कृषि क्या है?
ई-कृषि या इलेक्ट्रॉनिक कृषि, कृषि क्षेत्र में सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों (आईसीटी) के उपयोग को संदर्भित करती है, ताकि खेती के तरीकों को बेहतर बनाया जा सके, दक्षता बढ़ाई जा सके और समग्र उत्पादकता में सुधार किया जा सके। इसमें मोबाइल ऐप और सेंसर से लेकर डेटा एनालिटिक्स और रिमोट सेंसिंग तक कई तरह की तकनीकें शामिल हैं। 
 ई-कृषि की अवधारणा क्या है? 
नवाचार और आर्थिक विकास के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के महत्व को व्यापक रूप से मान्यता दी गई है। पहले, ग्रामीण समुदायों तक सूचना पहुँचाने के लिए केवल टेलीविज़न और रेडियो का उपयोग किया जाता था, लेकिन हाल के वर्षों में इंटरनेट और मोबाइल-आधारित तकनीकों का तेज़ी से उदय हुआ है, जिससे संचार आसान और तेज़ हो गया है। एक नाइजीरिया में, कृषि क्षेत्र को बढ़ाने के लिए रणनीतियाँ विकसित की जा रही हैं, जो कुछ क्षेत्रों में आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। नई तकनीकों के व्यापक उपयोग के साथ, उन्हें कृषि में शामिल करने से विकास और वृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कृषि सूचना विज्ञान, विकास और उद्यमिता के चौराहे पर ई-कृषि, कृषि सेवाओं और संचार प्रक्रियाओं को बढ़ाने के लिए इंटरनेट और संबंधित तकनीकों का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित करती है। यह कृषि क्षेत्र में विभिन्न हितधारकों के बीच ज्ञान साझा करने और सीखने पर ज़ोर देने के लिए तकनीक से परे है।

ई-कृषि के अनुप्रयोग क्या हैं? या कृषि में आईसीटी उपकरणों का उपयोग क्या है?

1. सटीक खेती:

 सटीक खेती में पानी, उर्वरक और कीटनाशकों जैसे इनपुट को कम करते हुए फसल की पैदावार को अनुकूलित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना शामिल है। जीपीएस-निर्देशित ट्रैक्टर, ड्रोन और सैटेलाइट इमेजरी जैसे ई-कृषि उपकरण किसानों को खेत की विविधता को सटीक रूप से प्रबंधित करने, फसल के स्वास्थ्य की निगरानी करने और डेटा-संचालित निर्णय लेने में सक्षम बनाते हैं।

2. फसल निगरानी और प्रबंधन:

मल्टीस्पेक्ट्रल कैमरों से लैस उपग्रह और ड्रोन जैसी रिमोट सेंसिंग तकनीकें फसल के स्वास्थ्य, विकास के चरणों और कीटों और बीमारियों जैसे संभावित खतरों पर वास्तविक समय का डेटा प्रदान करती हैं। यह जानकारी किसानों को अपने खेतों की अधिक कुशलता से निगरानी करने और जोखिमों को कम करने के लिए समय पर कार्रवाई करने में मदद करती है।

3. मौसम पूर्वानुमान और जलवायु निगरानी:

कृषि नियोजन और जोखिम प्रबंधन के लिए सटीक मौसम पूर्वानुमान और जलवायु डेटा तक पहुँच महत्वपूर्ण है। ई-कृषि प्लेटफ़ॉर्म मौसम संबंधी डेटा, सेंसर और मौसम पूर्वानुमान मॉडल का लाभ उठाते हुए किसानों को उनके विशिष्ट स्थान और फसलों के अनुरूप व्यक्तिगत मौसम पूर्वानुमान, जलवायु पूर्वानुमान और सलाहकार सेवाएँ प्रदान करते हैं।

4. बाजार की जानकारी और पहुँच:

 ई-कृषि प्लेटफ़ॉर्म और मोबाइल ऐप किसानों को सीधे बाज़ारों, खरीदारों और आपूर्तिकर्ताओं से जोड़ते हैं, जिससे बिचौलियों पर निर्भरता कम होती है और कृषि उत्पादों के लिए उचित मूल्य प्राप्त होते हैं। ये प्लेटफ़ॉर्म बाज़ार की जानकारी, मूल्य रुझान और व्यापार के अवसर प्रदान करते हैं, जिससे किसान सूचित निर्णय लेने और बेहतर सौदे करने में सक्षम होते हैं। 

5. आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन:

 कृषि इनपुट और उत्पादों की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन आवश्यक है। ई-कृषि समाधान इन्वेंट्री प्रबंधन, लॉजिस्टिक्स और परिवहन ट्रैकिंग जैसी प्रक्रियाओं को डिजिटल करके आपूर्ति श्रृंखला संचालन को सुव्यवस्थित करते हैं, जिससे लागत बचत होती है और खेत से कांटे तक बेहतर पता लगाने की क्षमता होती है।

6. फार्म प्रबंधन सॉफ्टवेयर:

फार्म प्रबंधन सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म फार्म नियोजन, रिकॉर्ड रखने और निर्णय समर्थन के लिए व्यापक उपकरण प्रदान करते हैं। ये सिस्टम किसानों को रोपण, सिंचाई, निषेचन और कटाई जैसे कार्यों को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करने के लिए फील्ड सेंसर, मौसम स्टेशनों और उपकरणों सहित विभिन्न स्रोतों से डेटा एकीकृत करते हैं।

7. आईसीटी-सक्षम विस्तार सेवाएँ:

कृषि विस्तार सेवाएँ किसानों को ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ई-कृषि पहल मोबाइल फोन और इंटरनेट-आधारित प्लेटफ़ॉर्म जैसे आईसीटी का लाभ उठाती हैं, ताकि दूरस्थ रूप से विस्तार सेवाएँ प्रदान की जा सकें, जिसमें प्रशिक्षण मॉड्यूल, सलाहकार संदेश और ज्ञान साझा करने और सहकर्मी सीखने के लिए इंटरैक्टिव फ़ोरम शामिल हैं।

8. वित्तीय समावेशन और ऋण तक पहुँच:

ई-कृषि प्लेटफ़ॉर्म किसानों को बैंकिंग सेवाओं, डिजिटल भुगतान और माइक्रोफाइनेंस विकल्पों तक पहुँच प्रदान करके वित्तीय समावेशन की सुविधा प्रदान करते हैं। वित्तीय लेन-देन को डिजिटल बनाने और क्रेडिट स्कोरिंग के लिए कृषि डेटा का लाभ उठाने के द्वारा, ये प्लेटफ़ॉर्म किसानों को उनकी ज़रूरतों के अनुरूप ऋण और बीमा उत्पादों तक पहुँचने में सक्षम बनाते हैं, जिससे आर्थिक झटकों और जलवायु जोखिमों के प्रति लचीलापन बेहतर होता है।

9. क्षमता निर्माण और शिक्षा:

ई-कृषि पहल ऑनलाइन पाठ्यक्रमों, वेबिनार और ज्ञान-साझाकरण प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से किसानों, विस्तार कार्यकर्ताओं और अन्य हितधारकों के बीच क्षमता निर्माण और शिक्षा को बढ़ावा देती है। डिजिटल साक्षरता और कौशल विकास को बढ़ावा देकर, ये पहल व्यक्तियों और समुदायों को कृषि विकास के लिए आईसीटी की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए सशक्त बनाती हैं।

10. नीति समर्थन और शासन:

ई-कृषि नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और विकास एजेंसियों को कृषि प्रवृत्तियों, चुनौतियों और अवसरों पर समय पर और सटीक डेटा तक पहुँच प्रदान करके साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण और शासन का समर्थन कर सकती है। डेटा एनालिटिक्स और पूर्वानुमान मॉडलिंग का लाभ उठाकर, नीति निर्माता खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण विकास और सतत संसाधन प्रबंधन जैसे प्रमुख कृषि मुद्दों को संबोधित करने के लिए अधिक प्रभावी रणनीतियाँ और हस्तक्षेप तैयार कर सकते हैं।

निष्कर्ष के तौर पर, ई-कृषि में संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में उत्पादकता, स्थिरता और लचीलापन बढ़ाने के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों की शक्ति का लाभ उठाकर कृषि क्षेत्र को बदलने की जबरदस्त क्षमता है। ई-कृषि समाधानों को अपनाकर और डिजिटल नवाचार को बढ़ावा देकर, किसान और हितधारक चुनौतियों पर काबू पा सकते हैं और डिजिटल युग में कृषि विकास के लिए नए अवसरों को खोल सकते हैं।


 What is E-agriculture?

E-agriculture, or electronic agriculture, refers to the use of information and communication technologies (ICTs) in the agricultural sector to enhance farming practices, increase efficiency, and improve overall productivity. This encompasses a wide range of technologies, from mobile apps and sensors to data analytics and remote sensing. 

What is the Concept of E-agriculture?

The importance of Information and Communication Technologies (ICT) for innovation and economic growth has been widely recognized. Previously, only television and radio were used to reach rural communities, but recent years have seen a rapid emergence of internet and mobile-based technologies, making communication easier and faster. In Nigeria, strategies are being developed to enhance the agricultural sector, which is a significant source of income in certain regions. With the widespread use of new technologies, incorporating them into agriculture can have a positive impact on growth and development. E-Agriculture, at the intersection of agricultural informatics, development, and entrepreneurship, focuses on using the internet and related technologies to enhance agricultural services and communication processes. It goes beyond technology to emphasize knowledge sharing and learning among different stakeholders in the agricultural sector.

What is the Applications of E-agriculture? or Use of ICT Tools in Agriculture?

1. Precision Farming: 

Precision farming involves using technology to optimize crop yields while minimizing inputs such as water, fertilizer, and pesticides. E-agriculture tools like GPS-guided tractors, drones, and satellite imagery enable farmers to precisely manage field variability, monitor crop health, and make data-driven decisions.

2. Crop Monitoring and Management:

Remote sensing technologies, such as satellites and drones equipped with multispectral cameras, provide real-time data on crop health, growth stages, and potential threats like pests and diseases. This information helps farmers to monitor their fields more efficiently and take timely actions to mitigate risks.

3. Weather Forecasting and Climate Monitoring: 

Access to accurate weather forecasts and climate data is crucial for agricultural planning and risk management. E-agriculture platforms leverage meteorological data, sensors, and weather forecasting models to provide farmers with personalized weather forecasts, climate predictions, and advisory services tailored to their specific location and crops.

4. Market Information and Access: 

E-agriculture platforms and mobile apps connect farmers directly to markets, buyers, and suppliers, reducing reliance on intermediaries and enabling fairer prices for agricultural products. These platforms provide market information, price trends, and trading opportunities, empowering farmers to make informed decisions and negotiate better deals.

5. Supply Chain Management: 

Efficient supply chain management is essential for ensuring the timely delivery of agricultural inputs and products. E-agriculture solutions streamline supply chain operations by digitizing processes such as inventory management, logistics, and transportation tracking, leading to cost savings and improved traceability from farm to fork.

6. Farm Management Software: 

Farm management software platforms offer comprehensive tools for farm planning, record-keeping, and decision support. These systems integrate data from various sources, including field sensors, weather stations, and equipment, to help farmers manage tasks such as planting, irrigation, fertilization, and harvesting more effectively.

7. ICT-enabled Extension Services: 

Agricultural extension services play a vital role in disseminating knowledge and best practices to farmers. E-agriculture initiatives leverage ICTs, such as mobile phones and internet-based platforms, to deliver extension services remotely, including training modules, advisory messages, and interactive forums for knowledge sharing and peer learning.

8. Financial Inclusion and Access to Credit: 

E-agriculture platforms facilitate financial inclusion by providing farmers with access to banking services, digital payments, and microfinance options. By digitizing financial transactions and leveraging farm data for credit scoring, these platforms enable farmers to access credit and insurance products tailored to their needs, thereby improving resilience against economic shocks and climate risks.

9. Capacity Building and Education: 

E-agriculture initiatives promote capacity building and education among farmers, extension workers, and other stakeholders through online courses, webinars, and knowledge-sharing platforms. By fostering digital literacy and skills development, these initiatives empower individuals and communities to harness the full potential of ICTs for agricultural development.

10. Policy Support and Governance: 

E-agriculture can support evidence-based policymaking and governance by providing policymakers, researchers, and development agencies with access to timely and accurate data on agricultural trends, challenges, and opportunities. By leveraging data analytics and predictive modelling, policymakers can design more effective strategies and interventions to address key agricultural issues such as food security, rural development, and sustainable resource management.

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I'm an ordinary student of agriculture.

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